What is Devar Bhabhi ki Shayari? Know below (देवर भाभी की शायरी) Devar Bhabhi ki Shayari in hindi. देवर भाभी की शायरी kya Hain. यहाँ नीचे सूची में कुछ देवर भाभी की शायरी दिये गए हैं जिन पर देवर भाभी शायरी रूप के कई उदहारण देख सकते हैं ।
काग़ज़ काग़ज़ हर्फ़ सजाया करता है,
तन्हाई में शहर बसाया करता है,
कैसा पागल शख्स है सारी-सारी रात,
दीवारों को दर्द सुनाया करता है,
रो देता है आप ही अपनी बातों पर,
और फिर खुद को आप हंसाया करता है।
तन्हाई में शहर बसाया करता है,
कैसा पागल शख्स है सारी-सारी रात,
दीवारों को दर्द सुनाया करता है,
रो देता है आप ही अपनी बातों पर,
और फिर खुद को आप हंसाया करता है।
मेरे दिल ने जब भी दुआ माँगी है,
तुझे माँगा है तेरी वफ़ा माँगी है,
जिस मोहब्बत को देख के दुनिया को रश्क आये,
तेरे प्यार करने की वो अदा माँगी है।
तुझे माँगा है तेरी वफ़ा माँगी है,
जिस मोहब्बत को देख के दुनिया को रश्क आये,
तेरे प्यार करने की वो अदा माँगी है।
मार्च भी दिखा रहा है देखो मई से तेवर
सूरज ने जैसे पहन लिये हों सारे जेवर
अभी तो जेठ का महीना आना बाकी है
सहम गयीं हैं भाभियाँ इन द मन्थ ऑफ देवर
सूरज ने जैसे पहन लिये हों सारे जेवर
अभी तो जेठ का महीना आना बाकी है
सहम गयीं हैं भाभियाँ इन द मन्थ ऑफ देवर
माँ : भाभी तुम्हें भर पेट खाना देती भी है या नहीं, या सिर्फ बच्चों और घर की देखभाल के लिए ही तुम्हें अपने पास रखा है..खुद तो आटा गूंथ के चली जाती होगी काम पे, रोटी बेलो तुम....
बेटा : नहीं माँ,वो एक रोटी भी खाती है तो आधी मुझे खिलाती है,कपड़े आते हैं सभी के लिए तो उन "सभी" में मैं भी शामिल होता हूँ,मेरे परीक्षा के समय पानी, दूध और मेवे के लड्डू मेज़ तक पहुंचाती है..बिमार पड़ने पर काम से छुट्टी लेकर दिन भर मेरी तीमारदारी में लगी रहती है,अपने बच्चों की मालिश करती है तो मेरे सिर पर तेल रखना नहीं भूलती,हर शहरी तौर-तरीकों से रूबरू करवाती है,हर गलती पर मुझे सुधारती है और भैया से मेरी शिकायतों के पुल तो बिल्कुल भी नहीं बांधती...
माँ का गला रूँध गया....
शायद यही वजह थी कि आखिरी सांसें लेते वक्त जब वह मृत्युशैय्या पर लेटी थी और सभी तीन छोटी बहुओं से घिरी हुई थी, तो भी उन्होनें सिर्फ बड़ी बहू को ही याद किया था और कहा था कि मेरे बड़ी बहू को बुलाओ, वही मृत्युशैय्या से चिता की शैय्या के बीच के कष्ट में मेरी सेवा करेगी
बेटा : नहीं माँ,वो एक रोटी भी खाती है तो आधी मुझे खिलाती है,कपड़े आते हैं सभी के लिए तो उन "सभी" में मैं भी शामिल होता हूँ,मेरे परीक्षा के समय पानी, दूध और मेवे के लड्डू मेज़ तक पहुंचाती है..बिमार पड़ने पर काम से छुट्टी लेकर दिन भर मेरी तीमारदारी में लगी रहती है,अपने बच्चों की मालिश करती है तो मेरे सिर पर तेल रखना नहीं भूलती,हर शहरी तौर-तरीकों से रूबरू करवाती है,हर गलती पर मुझे सुधारती है और भैया से मेरी शिकायतों के पुल तो बिल्कुल भी नहीं बांधती...
माँ का गला रूँध गया....
शायद यही वजह थी कि आखिरी सांसें लेते वक्त जब वह मृत्युशैय्या पर लेटी थी और सभी तीन छोटी बहुओं से घिरी हुई थी, तो भी उन्होनें सिर्फ बड़ी बहू को ही याद किया था और कहा था कि मेरे बड़ी बहू को बुलाओ, वही मृत्युशैय्या से चिता की शैय्या के बीच के कष्ट में मेरी सेवा करेगी
मैने उससे योही पूछा शादी के लिये तैयार हो
उसने कहा तुम्हारे भाई जैसा देवर मुझे
और मेरी बेहन जैसी साली तुम्हे नही मिलेगी
उसने कहा तुम्हारे भाई जैसा देवर मुझे
और मेरी बेहन जैसी साली तुम्हे नही मिलेगी
शाटाक
😣😣
अगर पत्नी की बहिन यानि कि साली
जीजा की आधी घरवाली होती है तो
फिर तो पति का भाई यानि की देवर भी
भाभी का आधा घरवाला होना चाहिए
अगर
आप साली में बहिन या बेटी जैसा भाव
नहीं रख सकते तो पत्नी से उम्मीद क्यों
कि वो देवर को भाई या बेटे जैसा माने
😣😣
अगर पत्नी की बहिन यानि कि साली
जीजा की आधी घरवाली होती है तो
फिर तो पति का भाई यानि की देवर भी
भाभी का आधा घरवाला होना चाहिए
अगर
आप साली में बहिन या बेटी जैसा भाव
नहीं रख सकते तो पत्नी से उम्मीद क्यों
कि वो देवर को भाई या बेटे जैसा माने
जिंदगी में कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,
जिंदगी में कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,
जो है पास आपके उसको सम्भाल कर रखना,
क्योंकि एक बार खोकर प्यार दोबारा नही मिलता।
जिंदगी में कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,
जो है पास आपके उसको सम्भाल कर रखना,
क्योंकि एक बार खोकर प्यार दोबारा नही मिलता।
बहुत सुकून मिलता है जब उनसे हमारी बात होती है,
वो हजारो रातों में वो एक रात होती है,
जब निगाहें उठा कर देखते हैं वो मेरी तरफ,
तब वो ही पल मेरे लीये पूरी कायनात होती है।
वो हजारो रातों में वो एक रात होती है,
जब निगाहें उठा कर देखते हैं वो मेरी तरफ,
तब वो ही पल मेरे लीये पूरी कायनात होती है।
आग लगी दिल में जब वो खफ़ा हुए,
एहसास हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा वो हमे कुछ दे न सके,
लेकिन दे गये बहुत कुछ जब वो वेबफा हुए।
एहसास हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा वो हमे कुछ दे न सके,
लेकिन दे गये बहुत कुछ जब वो वेबफा हुए।
किसी न किसी को किसी पर एतवार हो जाता है,
एक अजनबी सा चेहरा ही यार हो जाता है,
खूबियों से ही नही होती मोहब्बत सदा,
किसी की कमियों से भी कभी प्यार हो जाता है।
एक अजनबी सा चेहरा ही यार हो जाता है,
खूबियों से ही नही होती मोहब्बत सदा,
किसी की कमियों से भी कभी प्यार हो जाता है।
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हे तुम्हारी
शख्सियत की खबर..
कभी हमारी आँखो से आकर पूछो,
कितने लाजवाब हो तुम....!
शख्सियत की खबर..
कभी हमारी आँखो से आकर पूछो,
कितने लाजवाब हो तुम....!
ज़िंदगी से बड़ी सज़ा ही नहीं
और क्या जुर्म है पता ही नहीं
सच घटे या बढ़े तो सच न रहे
झूट की कोई इंतिहा ही नहीं
जिस के कारन फ़साद होते हैं
उस का कोई अता-पता ही नहीं
और क्या जुर्म है पता ही नहीं
सच घटे या बढ़े तो सच न रहे
झूट की कोई इंतिहा ही नहीं
जिस के कारन फ़साद होते हैं
उस का कोई अता-पता ही नहीं
यहाँ ऐसा भी होता है कि ताकत हार जाती है
अजी इक आम इंसाँ से हुकूमत हार जाती है
बड़े लोगों के कपड़ों तक कहाँ कीचड़ पहुंचता है
अगर दौलत हो,ओहदा हो तो जिल्लत हार जाती है
ज्यादातर मुक़दमे सुलह से ही खत्म होते हैं
कचहरी के झमेलों से अदावत हार जाती है
अजी इक आम इंसाँ से हुकूमत हार जाती है
बड़े लोगों के कपड़ों तक कहाँ कीचड़ पहुंचता है
अगर दौलत हो,ओहदा हो तो जिल्लत हार जाती है
ज्यादातर मुक़दमे सुलह से ही खत्म होते हैं
कचहरी के झमेलों से अदावत हार जाती है
तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किस का था
न था रक़ीब तो आख़िर वो नाम किस का था
वो क़त्ल कर के हर किसी से पूछते हैं
ये काम किस ने किया है ये काम किस का था...
न था रक़ीब तो आख़िर वो नाम किस का था
वो क़त्ल कर के हर किसी से पूछते हैं
ये काम किस ने किया है ये काम किस का था...
हाथ ख़ाली हैं तेरे शहर से जाते जाते
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है
उम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते...
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है
उम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते...
उनको सोते हुए देखा था दमे-सुबह कभी
क्या बताऊं जो इन आंखों ने समां देखा था...
क्या बताऊं जो इन आंखों ने समां देखा था...
आज जरूर किसी का #दिल टूटा होगा,
युही भरे बाजार मे ऐसे यह #गुलाब किसीने #फेका न होता ।
युही भरे बाजार मे ऐसे यह #गुलाब किसीने #फेका न होता ।
इक इश्क़ का ग़म आफ़त और उस पे ये दिल आफ़त
या ग़म न दिया होता या दिल न दिया होता
ग़ैरों से कहा तुम ने ग़ैरों से सुना तुम ने
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सुना होता...
या ग़म न दिया होता या दिल न दिया होता
ग़ैरों से कहा तुम ने ग़ैरों से सुना तुम ने
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सुना होता...
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी
बात वो आधी रात की रात वो पूरे चाँद की
चाँद भी ऐन चैत का उस पे तिरा जमाल भी...
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी
बात वो आधी रात की रात वो पूरे चाँद की
चाँद भी ऐन चैत का उस पे तिरा जमाल भी...
हर धड़कते पत्थर को, लोग दिल समझते हैं
उम्र बीत जाती है, दिल को दिल बनाने में...
उम्र बीत जाती है, दिल को दिल बनाने में...
तेरी आँखों के लिए इतनी सज़ा काफ़ी है
आज की रात मुझे ख़्वाब में रोता हुआ देख
आज की रात मुझे ख़्वाब में रोता हुआ देख
शक करनें की भी हद होती हैं यारों ...
😐😐
मैं ऑफीस से आया
और
पड़ोसन मायके से आयी
दोनों को अपार्टमेंट की सीढ़ी चढ़ते देंख
पत्नि बोली.....
"स्टेशन लेने गये थे क्या....?"
😐😐
मैं ऑफीस से आया
और
पड़ोसन मायके से आयी
दोनों को अपार्टमेंट की सीढ़ी चढ़ते देंख
पत्नि बोली.....
"स्टेशन लेने गये थे क्या....?"
तेरे दिल के बाजार में मै रोज़ बिकती हुं
कुछ लफ्ज़ तेरी यादों के हर रोज़ लिखती हुं
कुछ लफ्ज़ तेरी यादों के हर रोज़ लिखती हुं
मेरी परवाज़ की आजमाईश ना कर,
अब एक आज़ाद परिन्दा हूँ मैं!
ज़िन्दगी ने तो कबका ठुकराया था मुझे,
अन्दर से तो अब भी ज़िन्दा हूँ मैं!
Above get Devar Bhabhi ki Shayari in hindi and english. Also Watch list of Devar Bhabhi ki Shayari with many examples. What is Devar Bhabhi ki Shayari (Devar Bhabhi ki Shayari in Hindi)? (देवर भाभी की शायरी Kya Hai?).अब एक आज़ाद परिन्दा हूँ मैं!
ज़िन्दगी ने तो कबका ठुकराया था मुझे,
अन्दर से तो अब भी ज़िन्दा हूँ मैं!