उफ़्फ़ ये ज़ालिम Village Girls Desi Bhbhai Desi Aunty Hot Bhabhi Hot Aunty Hot Girls संस्कारी औरत को रंडी की तरह पेलते है तब रोम रोम सिहिर उठता है आह जिस्म पर पानी की बूंदे होनी चाहिए थी अब जिस्म पर नर और मादा की मेहनत की निशानी पसीना है और योनि से रिसती हुई गाढ़ी मलाई बता रही है सम्भोग क्रिया बहुत जबरदस्त हुई है पूरी तस्सली।
रात के अंधेरे में हवेली मे बिजली ना होने पर संस्कारी मोमबत्ती जला के अपने नॉकर सलीम को बुलाने उसके कमरे में जाती हुईं (ठकुराइन अंदर से बहुत डरी हुई है तेज सांसों के साथ चुचे ऊपर नीचे हो रहे है हाए राम कहीं सलीम नंगा ना सो रहा हो। गाँव मे सबसे ज्यादा मजा हम संस्कारिओ के हैं गांव के जमींदार ठाकुर साहिब के खेतों में काम करो मजदूरी वक़्त पर मिल जाती है ठाकुर साहिब को खुश कर दे तो कभी कभी बख्शीस भी मिल जाती है हा कभी कभी सुबह चलते हुए बड़ी तकलीफ होती है क्या कर सकती हैं हम गरीब औरत की क़िसमत में धक्के ही लिखें। बिकनी पहनी विदेशी औरत की हॉटनेस हम संस्कारी औरत जब साड़ी पहन के नाभि और चूचों की गली प्रदर्शित करती है तो हमारी हॉटनेस के आगे कहीं नही ठहरती संस्कारी का जलवा आज कल विदेशों में भी फैल गया है और साड़ी अब अंतराष्ट्रीय परिधान बन चुकी है। सहेली की शादी में दूल्हे और उसके दोस्तों को तड़पाने में जो मजा आता है वो कहीं नही ,शादी में पारदर्शी साड़ी और ब्लाउज छोटे साइज का पहन के गई तो चूचों का उभार बड़ा कातिलाना बन गया । बारिश में भीगने के बाद साड़ी जब जिस्म से चिपट जाती है तो चुचे चूतड़ साफ नजर आते हैं ओर मर्दों की हालत खराब कर देती है हमारी मटकती हुई गांड। उठा रही हूँ भार इतना कि झुक गया है बदन एक ओर. मानों कह रहा हो दिल में,कर दो इन्हे किसी ओर के नाम बहुत उठा लिया भार इनका अब करने दो दूजों को काम जवानी ये उम्र के साथ ही गदराती जाती है और बदन का गठन भी मानों अब हुस्न को हूरों-सा आकार देने पर उतारू है.क्या करूँ,हूर बन गयी तो न जाने। जवानी की हवस इस कदर हावी थी कि मालूम नही कहाँ ब्रा पड़ी है पेंटी लडखडाती हुई ढूंढ ली चादर में अपना जिस्म छुपाती हुई बाहर निकली तो देखा bf जा चुका है bf का दोस्त हवस भरी नजरों से देख रहा है और मैं अबला नारी अपना जिस्म छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही(कॉलेज लाइफ का एक पुराना दिन। रात को चैटिंग करते हुए हुए कौन कौन मदहोश हुई है या दिल को सुकून मिला है चैट कर के ,मुझे अकेलेपन नाम की बीमारी दूर करने में सोशल मीडिया ने बहुत मदद की है मेरी तो। जिंदगी में हज़ारों गम थे हर गम को धुएं की तरफ हवा में उड़ाते हुए आगे भड़ती रही ,फिर पता चला जिंदगी तो बेहतरीन थी बस नजरिया गलत था ,जिंदगी में आगे बढ़ना है तो झुकना सीखो और औरत है तो हर जगह झुकना पड़ता है चाहे बिस्तर में या असल जिंदगी में,पैसा ही सब कुछ है पैसा नही तो कुछ नही ।
रात के अंधेरे में हवेली मे बिजली ना होने पर संस्कारी मोमबत्ती जला के अपने नॉकर सलीम को बुलाने उसके कमरे में जाती हुईं (ठकुराइन अंदर से बहुत डरी हुई है तेज सांसों के साथ चुचे ऊपर नीचे हो रहे है हाए राम कहीं सलीम नंगा ना सो रहा हो। गाँव मे सबसे ज्यादा मजा हम संस्कारिओ के हैं गांव के जमींदार ठाकुर साहिब के खेतों में काम करो मजदूरी वक़्त पर मिल जाती है ठाकुर साहिब को खुश कर दे तो कभी कभी बख्शीस भी मिल जाती है हा कभी कभी सुबह चलते हुए बड़ी तकलीफ होती है क्या कर सकती हैं हम गरीब औरत की क़िसमत में धक्के ही लिखें। बिकनी पहनी विदेशी औरत की हॉटनेस हम संस्कारी औरत जब साड़ी पहन के नाभि और चूचों की गली प्रदर्शित करती है तो हमारी हॉटनेस के आगे कहीं नही ठहरती संस्कारी का जलवा आज कल विदेशों में भी फैल गया है और साड़ी अब अंतराष्ट्रीय परिधान बन चुकी है। सहेली की शादी में दूल्हे और उसके दोस्तों को तड़पाने में जो मजा आता है वो कहीं नही ,शादी में पारदर्शी साड़ी और ब्लाउज छोटे साइज का पहन के गई तो चूचों का उभार बड़ा कातिलाना बन गया । बारिश में भीगने के बाद साड़ी जब जिस्म से चिपट जाती है तो चुचे चूतड़ साफ नजर आते हैं ओर मर्दों की हालत खराब कर देती है हमारी मटकती हुई गांड। उठा रही हूँ भार इतना कि झुक गया है बदन एक ओर. मानों कह रहा हो दिल में,कर दो इन्हे किसी ओर के नाम बहुत उठा लिया भार इनका अब करने दो दूजों को काम जवानी ये उम्र के साथ ही गदराती जाती है और बदन का गठन भी मानों अब हुस्न को हूरों-सा आकार देने पर उतारू है.क्या करूँ,हूर बन गयी तो न जाने। जवानी की हवस इस कदर हावी थी कि मालूम नही कहाँ ब्रा पड़ी है पेंटी लडखडाती हुई ढूंढ ली चादर में अपना जिस्म छुपाती हुई बाहर निकली तो देखा bf जा चुका है bf का दोस्त हवस भरी नजरों से देख रहा है और मैं अबला नारी अपना जिस्म छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही(कॉलेज लाइफ का एक पुराना दिन। रात को चैटिंग करते हुए हुए कौन कौन मदहोश हुई है या दिल को सुकून मिला है चैट कर के ,मुझे अकेलेपन नाम की बीमारी दूर करने में सोशल मीडिया ने बहुत मदद की है मेरी तो। जिंदगी में हज़ारों गम थे हर गम को धुएं की तरफ हवा में उड़ाते हुए आगे भड़ती रही ,फिर पता चला जिंदगी तो बेहतरीन थी बस नजरिया गलत था ,जिंदगी में आगे बढ़ना है तो झुकना सीखो और औरत है तो हर जगह झुकना पड़ता है चाहे बिस्तर में या असल जिंदगी में,पैसा ही सब कुछ है पैसा नही तो कुछ नही ।